Tuesday 23 October 2018

योग क्या है?


योग क्या है? आज योग विश्व भर में अनेक रुपों में अपनाया गया है। विश्व अब 21 जून विश्व योग दिवस के रुप में भी मनाने लगा है। भारतीय ऋषि मुनियों ने योग को  कई तरह से परिभाषित किया है। योग शब्द संस्कृत धातु 'युज' से बना है, जिसका अर्थ है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन। योग को भारतीय योगाचार्यों ने विज्ञान भी कहा है। योग आसन से भिन्न है। आसन का संबंध केवल शरीर तक ही सीमित होता है। लेकिन योग इससे आगे जाकर शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ने का काम करता है। योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है, जिसे अपना कर मनुष्य न केवल स्वास्थ्य लाभ पाता है पर परम आनन्द की भी प्राप्ति करता है।


भारतीय योग पद्धति के जनक महर्षि पातंजलि के अनुसार 
'योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः' योग चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है।

योग का भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण ने विस्तार से वर्णन किया है। भगवद् गीता के अनुसार  व्यक्त को अव्यक्त  से जोड़ने को योग कहा गया है।  शरीर और उसकी चेतना व्यक्त है, दिखाई देती है, अनुभव की  जा सकती है, लेकिन जिस अव्यक्त शक्ति के कारण यह व्यक्त रूप गतिमान होता है, उसे आत्मा कहा जाता है।  ईश्वरीय शक्ति भी अव्यक्त है। इसलिए योग  को व्यक्त शरीर और हमारी चेतना को अव्यक्त यानि आत्मा और उससे भी आगे जाकर अव्यक्त  ईश्वरीय शक्ति के बीच संबंध बनाने की प्रक्रिया  के रुप में देखा, समझा और प्रत्यक्ष अनुभव किया जाता है। ज्ञानी और सिद्ध पुरुषों के द्वारा  योग की प्रक्रिया  को  व्यावहारिक तरीके से  सिद्ध  कर पूरी तरह से विज्ञान के दायरे में  बांधा गया है।

असल में उस अव्यक्त ईश्वरीय शक्ति का व्यक्त रुप ही हमारी समस्त सृष्टि है। उस अव्यक्त शक्ति के बिना सृष्टि में शेष कुछ भी नही बचेगा।

No comments:

Post a Comment

Nyay or Anyay

Is it a Nyay Yojana or AnyayYojana?  Congress sets it's desperate game plan to come to power at any cost, not at any cost to itself b...